तक़दीर–तुम्हारी मोहब्बत के साये
जब मेरी तक़दीर की लकीरें तुमसे जुड़ गई
मेरी हर ख्वाहिश तुम्हारी ओर मुड़ गई
ख्यालों में मेरे तुम हो रहते छाये
तुम और तुम्हारी मोहब्बत के साये
मेरा न कुछ रहा,मैं न मैं रह गई
जिस ओर थी तेरी लहर उस ओर बह गई
खुद को भुलाकर हम तुमको पाए
तुम और तुम्हारी मोहब्बत के साये
मैं तन्हा रहूं तो हरदम तेरा ख्याल आता
देखकर तुमको ही मेरा दिल सुकूं है पाता
तेरी आँखों में जन्नत नजर मुझको आए
तुम और तुम्हारी मोहब्बत के साये
रोता है दिल मेरा जब रूठ जाते हो तुम
रहते हो खामोश नही दिल की बताते तुम
कहीं तेरी बेरुखी से हम मर न जाएं
तुम और तुम्हारी मोहब्बत के साये
तुमसे ही मेरे दिल के गुलशन में हैं बहारें
सहारा हूँ मैं तुम्हारा और तुम मेरे सहारे
रहे साथ तेरा दिल ये मांगे दुआएं
तुम और तुम्हारी मोहब्बत के साये
Niraj Pandey
27-Aug-2021 05:41 AM
वाह
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Seema Priyadarshini sahay
26-Aug-2021 03:42 PM
वाह
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Sangeeta charan
26-Aug-2021 03:13 PM
Very nice🌹
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